लेखनी प्रतियोगिता -14-Apr-2023
#प्रतियोगिता
आज की रचना 14/04/2023
स्वैच्छिक
शीर्षक : "संयुक्त परिवार" ...
🌹संयुक्त परिवार 🌹
कहांँ गए वो सुनहरे दिन......
संयुक्त परिवार में
बड़ों की छाँव तले
जो कायम रहती थी गर्मजोशी
संग जीवन की मिठास....
परिवार की हर चुनौती की तपिश
व कठिन संघर्षों की उमस में भी
रहता था एक सुकून सा,
समय के साथ हर बार
संगठित रहकर
जीत जाने का....
परिवार में
सर्वोपरि आधार बनते थे
जब
आपसी तालमेल, प्रेम
फ़र्ज़ और विश्वास....
प्यारा संसार ये बंट रहा है
भूलकर आपसी सामंजस्य
एकल परिवार हो रहे हैं
प्राथमिकता हमारी,....
जीवन में अपने संजोकर
खुशहाली की झूठी आस
जी रहे हैं कितने सर्द अहसास ..
पारिवारिक रिश्तों की मजबूती
वो मिठास संघर्षों की तपिश में भी
कराती थी सुखद अनुभव
हुए हैं अब कितने दुर्लभ
संयुक्त परिवार
बीते दिनों की बात......!
© उषा शर्मा ✍️
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
15-Apr-2023 11:23 AM
अति सुन्दर
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Abhinav ji
15-Apr-2023 08:55 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
15-Apr-2023 07:34 AM
Wooow Bahut खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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